जोहरान ममदानी, NYC मेयर उम्मीदवार, मोदी-विरोधी और हिंदू-विरोधी टिप्पणियों के लिए आलोचित

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के उम्मीदवार जोहरान ममदानी, जो भारतीय मूल के हैं, ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोकतांत्रिक संस्थानों पर विवादास्पद टिप्पणियां की हैं। ममदानी की ये टिप्पणियां नई नहीं हैं, लेकिन जब उन्होंने पीएम मोदी को 'युद्ध अपराधी' करार दिया, तो इससे भारतीय आवाजों में हलचल मच गई।
जोहरान ममदानी, जो कि डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य हैं, ने हाल ही में डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीतने के बाद 43.5 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं। यदि वे फाइनल राउंड में जीतते हैं, तो वे न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर बनेंगे।
हालांकि, ममदानी ने हमेशा अपने को प्रगतिकारी आवाज के रूप में प्रस्तुत किया है, लेकिन उनके आलोचकों का कहना है कि उनके बयान असत्यता और पूर्वाग्रह की सीमा को पार कर चुके हैं। ममदानी ने हाल ही में कहा कि वह पीएम मोदी के साथ एक ही मंच पर नहीं आना चाहेंगे और उन्हें एक 'युद्ध अपराधी' बताया। उन्होंने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मोदी की तुलना की और कहा, 'हमें मोदी को उसी तरह देखना चाहिए जैसे हम नेतन्याहू को देखते हैं।'
उनकी यह टिप्पणी भारतीय नेताओं की तरफ से तीव्र आलोचना का कारण बनी। कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने ममदानी की टिप्पणी को पाकिस्तान के प्रचार दल के समान बताया। उनकी शिकायतें इस बात पर केंद्रित थीं कि ममदानी ने गुजरात के मुसलमानों पर तरह-तरह के झूठे आरोप लगाए हैं।
ममदानी के इस बयान से भारतीय मूल के लोगों में आक्रोश फैल गया है। कई लोगों ने उन्हें 'जिहादी मेयर' करार दिया और उन पर हिंदुओं और यहूदियों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया। इसके अलावा, ममदानी ने 2020 में टाइम्स स्क्वायर में राम मंदिर के विरोध में प्रदर्शन किया था, जहां प्रदर्शनकारियों ने भगवान राम पर अपशब्द कहे थे।
जोहरान ममदानी, जो मशहूर फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे हैं, न्यूयॉर्क के 36वें जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने Housing, सार्वजनिक परिवहन और अंतरराष्ट्रीय न्याय जैसे मुद्दों पर अपने मेयर पद के लिए चुनावी अभियान शुरू किया। हालाँकि, उनके भारत के प्रति विचार और पीएम मोदी के खिलाफ उनकी जहर उगलने वाली बयानबाजी ने उन्हें सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया है।
उनकी ये टिप्पणियां अब न केवल भारत में, बल्कि भारतीय मूल के अमेरिकियों के बीच भी आलोचना का विषय बन चुकी हैं। कई लोगों का कहना है कि ममदानी अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए तथ्यात्मक जानकारी को दरकिनार कर रहे हैं।