भारतीय क्रिकेट का भविष्य शुभमन गिल ने एक शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए नया मील का पत्थर स्थापित किया। 25 वर्षीय गिल ने बर्मिंघम में खेले जा रहे टेस्ट मैच के दूसरे दिन, अपनी कप्तानी में भारतीय टीम के लिए 269 रनों की पारी खेली। यह पारी न केवल गिल के करियर के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाएगी।

गिल का यह स्कोर भारतीय कप्तान के रूप में सबसे बड़ा है, जिसमें उन्होंने वीराट कोहली का 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया गया 254 रनों का रिकॉर्ड तोड़ा। यह गिल का केवल दूसरा टेस्ट मैच था, और उन्होंने इस मैच में भारत के पहले पारी में 587 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। दिन के अंत तक इंग्लैंड की टीम 77 रनों पर 3 विकेट खो चुकी थी, और वे 510 रनों से पीछे थे।

गिल ने अपनी पारी के बारे में बात करते हुए कहा, "मैंने श्रृंखला से पहले कुछ चीजों पर काम किया। परिणाम देखकर यह मेरे लिए काम कर रहा है।" इस पारी में गिल ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं, जैसे कि यह इंग्लैंड में किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा सबसे बड़ा स्कोर है, जो कि सुनील गावस्कर के 1979 में द ओवल में बनाए गए 221 रन और राहुल द्रविड़ के 2002 में 217 रन से बेहतर है।

इसके अलावा, गिल का स्कोर सचिन तेंदुलकर के 2004 में सिडनी में बनाए गए 241* रनों से भी ज्यादा है, जो कि एशिया के बाहर किसी भारतीय द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर है। गिल का 269 रन अब भारत के लिए सभी स्थलों पर तीसरा सबसे बड़ा स्कोर है, जिसमें वीरेंद्र सहवाग का 309 रन और राहुल द्रविड़ का 270 रन शामिल हैं।

गिल ने इस पारी के साथ यह भी साबित किया कि वह भारतीय क्रिकेट का अगला सितारा हो सकते हैं। वह अब केवल सातवें खिलाड़ी में शामिल हैं जिन्होंने अपने पहले दो टेस्ट मैचों में शतक बनाया है।

गिल के इस शानदार प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट को एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है, खासकर जब से वह सिर्फ 25 वर्ष के हैं और भारतीय कप्तान के रूप में उनकी यह दूसरी पारी थी।

इंडिया की इस विजय यात्रा के साथ, गिल की कप्तानी में भारतीय टीम अपनी मजबूती को और भी बढ़ा सकती है।