गांजा का जादू: आपकी जीन कोड में आने वाले बदलाव!

क्या आपको पता है कि गांजे का सेवन आपकी शरीर की एपिजेनेटिक कोड को बदल सकता है? हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि भांग का कोई भी रूप आपकी जीन को सक्रिय और निष्क्रिय करने के तरीके को प्रभावित कर सकता है। यह खोज, जो 2023 में प्रकाशित हुई, न केवल गांजे के प्रयोग के प्रभावों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भविष्य में नए शोध के दरवाजे भी खोल सकती है।
गांजा, जो दुनिया में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले पदार्थों में से एक है, के मानव शरीर पर प्रभावों को पूरी तरह से समझा नहीं गया है। भले ही हम इसके प्रभावों को कुछ हद तक जानते हैं, यह अध्ययन दर्शाता है कि इसका प्रभाव वैज्ञानिकों की पूर्वकल्पनाओं से कहीं अधिक गहरा हो सकता है।
शोध में पाया गया कि गांजे के सेवन का एक मार्कर तंबाकू के सेवन से सीधा जुड़ता है, जो यह सुझाव देता है कि गांजा और तंबाकू के बीच संबंध कहीं अधिक निकट है। वैज्ञानिकों ने ये जानने की कोशिश की कि गांजे का सेवन एपिजेनेटिक कोड को कैसे बदलता है, क्योंकि इसे समझना उनके लिए महत्वपूर्ण है कि यह मानव स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक या सकारात्मक प्रभाव डालता है या नहीं। विशेष रूप से, उन्होंने उन जीनों पर ध्यान दिया जो उम्र बढ़ने से संबंधित होते हैं, जिन्हें आमतौर पर शरीर के एपिजेनेटिक कोड द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के लिए प्रतिभागियों से डेटा एकत्र किया, जिन्होंने वर्षों में अपने गांजे के सेवन की जानकारी दी। उन्होंने पांच साल के अंतराल में लिए गए रक्त के नमूनों की तुलना की, यह देखने के लिए कि क्या लगातार गांजे के सेवन और हाल ही में सेवन के बीच कोई अंतर है।
एकत्रित डेटा ने दिखाया कि गांजा वास्तव में एपिजेनेटिक कोड को कितना बदलता है। कई मार्कर पाए गए जो लगातार और हाल में सेवन से जुड़े थे। हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि संबंधों को पूरी तरह से समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। इस समय, यह अध्ययन कम से कम गांजे के सेवन और एपिजेनेटिक कारकों के बीच के संबंधों पर कुछ नई अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।