क्या आप जानते हैं कि इजरायल और गाजा के बीच संघर्ष में एक ही दिन में 73 निर्दोष लोगों की जान चली गई? यह घटना न केवल मानवता को झकझोर देती है, बल्कि हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम युद्ध के इस बुरे दौर को रोकने में असक्षम हैं।

रविवार को गाज़ा में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सहायता प्राप्त करने की कोशिश करते समय कम से कम 73 लोगों की मौत हो गई। इजरायली सेना का कहना है कि सैनिकों ने हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए फिलिस्तीनियों पर गोली चलाई, जो उनके अनुसार, एक खतरा पैदा कर रहे थे। हालांकि, इजरायली सेना ने मान्यता दी कि गाज़ा में रिपोर्ट की गई संख्या उनकी प्रारंभिक जांच से कहीं अधिक है।

गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सबसे अधिक हताहत उत्तरी क्षेत्र में हुए, जहां कम से कम 67 लोग ज़िकिम क्रॉसिंग के माध्यम से सहायता प्राप्त करने का प्रयास कर रहे थे। स्थानीय अस्पतालों का कहना है कि 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।

एक दुखद घटना में, खान यूनिस में तंबुओं में शरण ले रहे सात फिलिस्तीनी भी मारे गए, जिनमें एक पांच वर्षीय बच्चा भी शामिल था। यह सब तब हुआ जब इजरायली सेना ने दावा किया कि वे सहायता की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं, लेकिन आलोचक उन पर नागरिकों की सुरक्षा की अनदेखी करने का आरोप लगाते हैं।

गाज़ा में हताहतों की बढ़ती संख्या के बीच, इजरायली सेना ने नए निकासी आदेश जारी किए हैं, जिससे मानवीय सहायता संगठनों को सहायता वितरण में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यह आदेश मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में लागू किया गया है जहां कई अंतरराष्ट्रीय संगठन काम कर रहे हैं।

खुद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल की सैन्य कार्रवाइयाँ हमास पर दबाव बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन समझौते की कोई स्पष्ट रुख नहीं दिख रही है।

गाज़ा में रहने वाले दो मिलियन से अधिक फिलिस्तीनियों की स्थिति बेहद दयनीय है, और उनके लिए जीवन की बुनियादी जरूरतें भी खतरे में हैं। पिछले महीने से इजरायली बमबारी के चलते, हज़ारों लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

इस मानवीय संकट के बीच, लोग सहायता के लिए इकट्ठा होते देखे गए हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह अब एक खतरनाक प्रयास बनता जा रहा है। क्या हम सच में इस संकट को समझ पा रहे हैं, या सिर्फ देखते रह जाएंगे?