क्या यूरेनस की प्रेमिका वास्तव में अस्तित्व में है? अनोखी खोज की कहानी!

क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे सौर मंडल में एक ग्रह का साथी हो सकता है? यह सुनने में जितना अजीब लग रहा है, उतना ही सच भी है। एक भारतीय मूल के वैज्ञानिकों की टीम ने यूरेनस के साथ एक अनोखे और स्थिर खगोलीय पिंड की खोज की है, जिसे उन्होंने प्यार से उसकी 'प्रेमिका' कहा है।
यह खोज डैनियल बाम्बरगर के नेतृत्व में नॉरहोल्ट ब्रांच ऑब्जर्वेटरी, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजेलेस, और ब्राजील के इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स से जुड़े अन्य वैज्ञानिकों द्वारा की गई है। इस पिंड का नाम '2015 OU194' है, जो यूरेनस के साथ एक खास कक्षीय पैटर्न में गतिशील है, जिसे वे 3:4 संधि के रूप में बताते हैं। इसका मतलब है कि यह सूर्य के चार चक्कर लगाने पर तीन बार यूरेनस के चारों ओर चक्कर लगाता है।
इस पैटर्न की स्थिरता अद्भुत है और यह पिछले लाखों वर्षों से वैसा ही बना हुआ है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह अगले 500,000 वर्षों तक भी ऐसे ही बना रहेगा।
2015 OU194 का आधिकारिक घोषणा 14 मई, 2025 को किया गया था, जब इसकी पहली बार खोज की गई थी। इसे पहली बार 12 जुलाई, 2015 को हवाई के सुभारू टेलीस्कोप के माध्यम से देखा गया था। इसकी गतिशीलता की पुष्टि के लिए, वैज्ञानिकों ने 34 अवलोकन दर्ज किए हैं, जिसे उन्होंने माइनर प्लैनेट सेंटर में प्रस्तुत किया है।
क्या आप जानते हैं कि यह खगोलीय पिंड पृथ्वी से सूर्य तक की दूरी का औसतन 23.3 गुना है? और यह सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में लगभग 113 वर्ष लेता है। इस खोज ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या यूरेनस और नेप्च्यून के बीच ऐसे अन्य खगोलीय पिंड भी हो सकते हैं, लेकिन अब तक केवल यही अनोखा पिंड इस कक्षीय पैटर्न में पाया गया है।