क्या ग्रीनलैंड में लैंडस्लाइड्स ने धरती को हिलाया? यह है एक चौंकाने वाला रहस्य!

क्या आप जानते हैं कि पूरी धरती हर 90 सेकंड में हिल रही थी? यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन सितंबर 2023 में, दुनिया भर के भूकंपीय संवेदकों ने एक रहस्यमय संकेत का पता लगाया। कोई नहीं जानता था कि यह क्या है, लेकिन इसे जल्द ही समझा गया – एक ताजा अध्ययन के अनुसार, यह हिलते हुए समुद्री तरंगों और भूस्खलनों का नतीजा था, जो ग्रीनलैंड के डिक्सन फजॉर्ड के पास विशाल सुनामी से उत्पन्न हुए थे।
हाल ही में, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने इस सिद्धांत की पुष्टि की है। उन्होंने सैटेलाइट डेटा का उपयोग करते हुए इन तरंगों की पहली छवियाँ बनाई हैं, जो यह दिखाती हैं कि ये वास्तव में लैंडस्लाइड-प्रेरित मेगा-सुनामी से उत्पन्न हुई थीं। इस घटना की भयावहता की कल्पना करें: इस तरह के घटनाएँ दुर्लभ होती हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण इनकी आवृत्ति बढ़ने की संभावना है।
SWOT (सर्फेस वाटर ओशन टोपोग्राफी) मिशन की सैटेलाइट छवियों ने इन तरंगों की संरचना को स्पष्ट रूप से दिखाया। टीम के सह-नेता थॉमस मोनहन ने कहा, "इसने हमें डिक्सन फजॉर्ड का अद्वितीय दृश्य प्रदान किया।" यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हमें जल स्तर की ऊँचाई में बदलावों को मापने का अवसर मिला।
फजॉर्ड की अद्भुत भौगोलिक संरचना ने इन तरंगों को कई दिनों तक गूंजने की अनुमति दी। मोनहन ने कहा, "जैसे ही पानी फजॉर्ड की दीवारों से टकराता है, यह धरती की परतों को हिलाने का काम करता है।" यह एक प्रकार का भूकंप है जो पूरी दुनिया में महसूस किया जाता है।
इस सबकी शुरुआत जलवायु परिवर्तन से हुई, जो ग्लेशियर्स की मात्रा को कम कर रहा है और लैंडस्लाइड्स के जोखिम को बढ़ा रहा है। "जैसे-जैसे ये घटनाएँ सामान्य होती जाएँगी, हम इस समस्या की गंभीरता को और अधिक समझ पाएंगे," मोनहन ने कहा।
भविष्य में, शोधकर्ताओं का उद्देश्य यह समझना है कि ये तरंगें कैसे कम होती हैं। हाल के अध्ययन ने इस दिशा में एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया है, और ऐसे सैटेलाइट डेटा का उपयोग करके वैज्ञानिक मशीन लर्निंग तकनीकें विकसित करने पर जोर दिया जाएगा।