क्या आप जानते हैं कि आपकी कार के अंदर की हवा आपके सोचने से ज्यादा खतरनाक हो सकती है? हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया है कि हमारे घरों और कारों की हवा में माइक्रोप्लास्टिक्स की मात्रा इतनी अधिक है कि यह हमारी सेहत के लिए एक गंभीर खतरा बन सकती है।

अध्ययन में पाया गया कि एक औसत अपार्टमेंट में 528 माइक्रोप्लास्टिक कण प्रति घन मीटर होते हैं, जबकि कारों में यह संख्या 2,238 कण प्रति घन मीटर तक पहुँच जाती है! यह संख्या घरों की तुलना में लगभग 4 गुना अधिक है।

माइक्रोप्लास्टिक्स क्या हैं और ये हानिकारक क्यों हैं? ये प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े हैं, जो हमारे शरीर में सूजन, ऑक्सीडेटिव तनाव, और यहां तक कि कैंसर जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। जब हम इन कणों को सांस लेते हैं, तो ये हमारी श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

लेकिन सवाल है, ये माइक्रोप्लास्टिक्स हमारे घरों और कारों में आते कहाँ से हैं? इनके स्रोतों में सिंथेटिक वस्त्र, प्लास्टिक पैकेजिंग, घरेलू धूल, फर्नीचर, और यहां तक कि कारों के इंटीरियर्स शामिल हैं।

इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 16 अपार्टमेंट और कारों से हवा के नमूने लिए और पाया कि 90% से अधिक माइक्रोप्लास्टिक कण 10 माइक्रोन के नीचे थे, जो कि फेफड़ों में गहराई तक पहुँच सकते हैं। इस अध्ययन के अनुसार, वयस्क दिन में लगभग 68,000 माइक्रोप्लास्टिक कणों को सांस के माध्यम से ग्रहण करते हैं।

आगे चलकर, वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव करना होगा, जैसे कि एकल-उपयोग के प्लास्टिक का कम प्रयोग करना, प्लास्टिक में खाना गर्म करने से बचना, और अपने घर में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना।

क्या यह जानकर आपको चिंता हो रही है? क्या हम अपनी सेहत के लिए असुरक्षित स्थानों में समय बिता रहे हैं? यह अध्ययन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे हम इन खतरनाक माइक्रोप्लास्टिक्स से खुद को बचा सकते हैं।