क्या आपने कभी सोचा है कि समुद्र की गहराइयों में क्या रहस्य छिपे हो सकते हैं? हाल ही में एक वैज्ञानिक टीम ने समुद्र के सबसे गहरे स्थान, मैरेना ट्रेंच, में जीवन के अद्भुत प्रमाण खोजे हैं जो आपकी सोच को हिला देने के लिए काफी हैं!

चीन के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने बताया है कि उन्होंने 10 किलोमीटर (लगभग 6 मील) की गहराई में हजारों की संख्या में कीड़े और मोलस्क पाए हैं, जो कि अब तक के सबसे गहरे जीवों की कॉलोनी माने जाते हैं। यह खोज हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वास्तव में पृथ्वी के समुद्रों में और भी जीवन हो सकता है, जो कि अब तक अनजाना था।

वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी पर लगभग सभी जीवन सूर्य के प्रकाश से पोषित होता है, लेकिन समुद्र की गहराइयों में इन जीवों का जीवन मिथेन जैसे रासायनिक तत्वों पर निर्भर करता है, जो समुद्र के तल में दरारों से रिसता है। इसे केमोसिंथेसिस की प्रक्रिया कहा जाता है।

चाइनीज सबमर्सिबल “फेंडौझे” ने पिछले साल 23 बार मैरेना ट्रेंच में गोताखोरी की, जिसमें उन्होंने 2,500 से 9,533 मीटर (8,200 से 31,000 फीट) की गहराई पर हजारों समुद्री ट्यूबवर्म और बाइवल्स मोलस्क्स पाए। इस अध्ययन के अंतर्गत वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे ये ट्यूबवर्म 30 सेंटीमीटर (12 इंच) लंबे हो सकते हैं।

इस अध्ययन ने इसे पृथ्वी पर ज्ञात सबसे गहरे और विस्तृत केमोसिंथेसिस-आधारित समुदायों की खोज के रूप में चिह्नित किया गया है। वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि वे मिथेन के उत्पादन का भी सबूत खोजने में सफल रहे हैं, जिसमें ट्यूबवर्म माइक्रोबियल मैट्स के चारों ओर समूहित होते हैं।

हालांकि, इस अध्ययन के साथ ही गहरी समुद्री खनन की विवादास्पद समस्या भी सामने आई है, जिसमें चीन और अमेरिका जैसे देश गहरे समुद्र से कीमती खनिज निकालने में रुचि दिखा रहे हैं।

क्या हम इन जीवन रूपों का संरक्षण कर सकते हैं या इनकी खोज में हम अपनी प्राकृतिक संतुलन को खतरे में डाल रहे हैं? यह सवाल न केवल वैज्ञानिकों बल्कि हमारे लिए भी महत्वपूर्ण है।