क्या कभी सोचा है कि एक तस्वीर दुनिया को हिला सकती है? एक एक साल का गज़ा का बच्चा, मोहम्मद ज़करिया अय्यूब अल-मातूक, अपनी मां के गोद में सड़कों पर बैठा है, और उसकी काया कंकाल जैसी है। यह तस्वीर न केवल मानवता के संकट को उजागर करती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि क्या हमें पूरी सच्चाई दिखाई जाती है। गज़ा में भुखमरी की स्थिति इस तस्वीर के माध्यम से एक बार फिर से विश्व पटल पर आ गई।

यह तस्वीर न्यू यॉर्क टाइम्स के पहले पन्ने पर छपी, जिसके शीर्षक में लिखा था 'युवा, बूढ़े और बीमार गज़ा में भूख से मर रहे हैं'। जैसे ही यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बेनीज़ ने भी इस पर टिप्पणी की। लेकिन तस्वीर के साथ जुड़े सवालों ने गज़ा में कहानी को समझने की मुश्किलों की ओर इशारा किया।

एक स्वतंत्र पत्रकार ने बताया कि मोहम्मद को गंभीर आनुवंशिक रोग था, जिससे उसकी सेहत प्रभावित हुई। कई मीडिया संगठनों ने बताया कि मोहम्मद को मस्तिष्क पक्षाघात भी था। यह बात बहुत से मीडिया द्वारा छुपाई गई थी, जिससे भूख के बारे में एक नैरेटिव को बनाए रखने में मदद मिली। जब मोहम्मद की मां, हेडाया अल-मुता, ने बीबीसी से बात की, तो उसने बताया कि उनके पास चिकित्सा और खाद्य सहायता की कमी थी।

न्यू यॉर्क टाइम्स ने बाद में एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि मोहम्मद को एक पूर्व-स्थित स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, यह सच्चाई नहीं बदलती कि गज़ा में बच्चे कुपोषित और भूखे हैं। ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों ने इस स्थिति को अत्यंत गंभीर बताया है।

गज़ा में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि भूख से 140 से अधिक व्यक्तियों की मौत हुई है, जिनमें 80 से अधिक बच्चे शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि जुलाई में कुपोषण से संबंधित 74 मौतें हुई हैं।

हालात इतने बदतर हैं कि पश्चिमी देशों ने गज़ा में खाद्य सहायता गिराने का प्रयास किया है, लेकिन यह भी कई बार घातक साबित हुआ है। WHO ने कहा कि ये लोग स्वास्थ्य सुविधाओं पर पहुंचने से पहले ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते थे।

संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि गज़ा में भुखमरी का सबसे खराब दृश्य सामने आ रहा है। इस महीने के प्रारंभ में हुई संघर्ष के बाद, इज़राइल ने सभी सहायता को गज़ा में प्रवेश से रोका। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे 'मानव निर्मित भुखमरी' के रूप में वर्णित किया है, जिसे इज़राइल ने खारिज कर दिया।

इज़रायल का प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भूख का खंडन करते हैं, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी गज़ा में 'वास्तविक भूख' होने की बात स्वीकार की है।

फोटोग्राफर आह्मद अल-आरिनी ने इस वायरल चित्र को निकाला, और उन्होंने बताया कि उन्होंने यह तस्वीर उस स्थिति को दिखाने के लिए खींची, जिसमें बच्चे और माताएं गज़ा में जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि मोहम्मद को कोई दूध या पोषण नहीं मिला।

इस संकट से जूझते पत्रकारों की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। गज़ा में पत्रकारों का काम करना बेहद मुश्किल हो गया है, और बहुत से लोग खुद भी भूख का सामना कर रहे हैं।

इज़राइल ने अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को गज़ा में प्रवेश देने के अपने अनुरोधों को खारिज कर दिया है। इस स्थिति में, ABC की न्यूज़ डायरेक्टर जस्टिन स्टीवंस ने गज़ा से स्वतंत्र रिपोर्टिंग की अनुमति देने की मांग की है।आखिरकार, क्या हम वास्तव में गज़ा में हो रही भुखमरी की सच्चाई को समझ पा रहे हैं?