क्या आपने कभी सोचा है कि अगर पृथ्वी की चुंबकीय ढाल न होती तो क्या होता? यह ढाल न केवल हमें सूर्य और अंतरिक्ष से आने वाले हानिकारक कणों से बचाती है, बल्कि जीवन को भी सुरक्षित रखती है।

पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र एक अद्भुत संरचना है, जो हमारे ग्रह को उन खतरनाक विकिरणों से बचाता है जो अन्य ग्रहों, जैसे मंगल, का सामना करते हैं। जबकि मंगल पर ये विकिरण बिना रोकथाम के सतह तक पहुँचते हैं, पृथ्वी की ढाल इसे एक अद्वितीय और सुरक्षित स्थान बनाती है।

डायनमो सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी के बाहरी कोर में पिघला हुआ आयरन-निकेल धातु के विशाल प्रवाह चलते हैं, जो हमारे ग्रह की घूर्णन गति के कारण एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं। लेकिन यहाँ एक बड़ा सवाल था: क्या यह चुंबकीय क्षेत्र तब भी बन सकता था जब पृथ्वी का आंतरिक कोर पूरी तरह से तरल था? यह प्रश्न वैज्ञानिकों के लिए कई दशकों तक एक पहेली बना रहा।

अब, ETH ज्यूरिख और चीन के साउथर्न यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के तीन भूभौतिकशास्त्रियों ने एक नई कंप्यूटर माडल बनाया है, जो दिखाता है कि एक पूरी तरह से तरल कोर भी स्थिर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न कर सकता है। इस अध्ययन ने दिखाया कि बिना ठोस आंतरिक कोर के भी, पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र अस्तित्व में रह सकता था।

शोधकर्ताओं ने एक पुरानी समस्या को हल किया है: आंतरिक “घनत्व” या प्रवाह में रुकावट का प्रभाव। उन्होंने उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग का उपयोग करते हुए यह साबित किया कि एक तरल कोर के भीतर धातु के प्रवाह के लिए कोई ठोस आंतरिक कोर की आवश्यकता नहीं है। इसका मतलब है कि पृथ्वी के प्रारंभिक चरण में, चुंबकीय क्षेत्र पहले से ही सक्रिय हो सकता था।

इस अध्ययन के सह-लेखक, एंडी जैक्सन, ने बताया कि यह खोज पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के इतिहास को समझने में मदद करती है। यह दर्शाता है कि पृथ्वी की सुरक्षा प्रणाली ने संभवत: पहले ही काम करना शुरू कर दिया था, इससे यह समझना आसान हो जाएगा कि जीवन की उत्पत्ति के लिए क्या आवश्यक था।

आज, पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। यह सैटेलाइटों और पावर ग्रिड्स को अंतरिक्ष के मौसम से बचाता है, और कई आधुनिक तकनीकों की नींव है। इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह क्षेत्र कैसे उत्पन्न होता है और कैसे समय के साथ बदलता है। यह अध्ययन भविष्य में चुंबकीय शिफ्ट और पर्यावरणीय परिवर्तन की भविष्यवाणी करने में सहायक होगा।

यह अध्ययन प्राकृतिक विज्ञान की एक महत्वपूर्ण खोज है, जो हमें पृथ्वी के पिछले और भविष्य के बारे में बेहतर समझ प्रदान करती है।