क्या एक ज्वालामुखी का फटना और भूकंप एक साथ हो सकते हैं? जानिए कमचटका में ऐतिहासिक घटना!

क्या आप सोच सकते हैं कि एक ज्वालामुखी 600 वर्षों के बाद फिर से फट गया? यह सिर्फ एक सामान्य घटना नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक और बड़ी कहानी है। हाल ही में रूस के कमचटका प्रायद्वीप में जबर्दस्त भूकंप आया और उसके कुछ ही समय बाद, क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी ने भी फटकर अपना लावा बहाना शुरू कर दिया। यह घटना वैज्ञानिकों और स्थानीय निवासियों दोनों के लिए एक आश्चर्य है।
क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी का यह पहला ऐतिहासिक फटना 600 वर्षों में हुआ है। रूसी समाचार एजेंसी RIA के अनुसार, कमचटका ज्वालामुखीय विस्फोट प्रतिक्रिया टीम की प्रमुख ओल्गा गिरिना ने कहा कि “यह क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी का 600 साल में पहला पुष्टि किया गया फटना है।”
कमचटका क्षेत्र हाल के दिनों में काफी सक्रिय रहा है। इस ज्वालामुखी के फटने से पहले, इस क्षेत्र में 8.8 रिएक्टर भूकंप आया था, जिसने जापान, अमेरिका और फिलीपींस में सुनामी चेतावनियाँ जारी की थीं। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि कई लोग इसे महसूस कर सकते थे और इसके परिणामस्वरूप, कमचटका प्रायद्वीप के तीन जिलों में सुनामी की लहरों की संभावना बताई गई थी।
इससे पहले, क्लीचेवस्कोई ज्वालामुखी ने भी फटकर अपनी गतिविधियां शुरू की थीं। यह ज्वालामुखी विश्व के सबसे ऊँचे ज्वालामुखियों में से एक है और यह पिछले कुछ वर्षों में कई बार फट चुका है।
क्राशेनिनिकोव का आखिरी लावा बहाव लगभग 1463 में हुआ था और उसके बाद इसका कोई ज्ञात फटना नहीं हुआ। इस प्रकार की घटनाएं विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण कौतुक हैं, क्योंकि वे भूकंपों और ज्वालामुखीय गतिविधियों के बीच के संबंध को समझने में मदद करती हैं।