क्या आपने कभी सोचा है कि एक मकड़ी की जननांगें उसके शरीर से चार गुना लंबी हो सकती हैं? नई खोज के अनुसार, यह सच है और यह अद्भुत जानकारी हमें चार नई तरह की तारण्तुला प्रजातियों से मिली है, जिनके नर की जननांगें इतनी लंबी हैं कि उन्हें पहले से मौजूद किसी भी श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

वैज्ञानिकों ने एक नई मकड़ी की जाति का निर्माण किया है, जिसे Satyrex नाम दिया गया है। यह नाम 'सातायर' और 'रेक्स' के संयोजन से आता है, जिसमें 'सातायर' एक पुरानी ग्रीक पौराणिक कथा का पात्र है, और 'रेक्स' लैटिन में राजा के लिए है।

इन तारण्तुला प्रजातियों की खोज का मुख्य कारण यह है कि नर मकड़ियों ने इतनी लंबी जननांगें विकसित की हैं ताकि वे मादा तारण्तुला से दूरी बना सकें, जो अक्सर अपने साथी को शिकार बनाती हैं। एक नए अध्ययन के अनुसार, नर तारण्तुलों का जननांग उनके सिर और थोरैक्स की लंबाई का 1.5 से 2 गुना होता है, लेकिन इन नई प्रजातियों में यह जननांग उनके शरीर की लंबाई का चार गुना है।

फिनलैंड के टुर्कू विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता अलीरेज़ा ज़amani के अनुसार, इन मकड़ियों के नर के पास सबसे लंबे जननांग हैं जो अब तक ज्ञात सभी तारण्तुलों में पाए गए हैं। उनकी खोज ने एक नई जाति की स्थापना को मजबूर किया, जिसे उन्होंने Satyrex कहा।

ये नए तारण्तुला अरब प्रायद्वीप और अफ्रीका के हॉर्न में चट्टानों के बीच ठंडे स्थानों में रहते हैं। सटीरेक्स अरबिकस, सटीरेक्स फेरॉक्स, सटीरेक्स सोमालिकस और सटीरेक्स स्पेशियस जैसे चार प्रजातियों का वर्णन किया गया है। Satyrex ferox, जो सबसे बड़ा और आक्रामक है, का आकार लगभग 14 सेंटीमीटर तक होता है।

ज़मानी ने कहा कि नर की लंबी जननांगें उन्हें मादा से सुरक्षित दूरी बनाए रखने में मदद कर सकती हैं, जिससे वे काटने और खाने के खतरे से बच सकते हैं।

इन तारण्तुलों के व्यवहार में भी दिलचस्पी है। वे हल्की सी खड़खड़ाहट पर सीधे अपने सामने के पैरों को उठाते हैं और एक तेज़ सिसकने की आवाज़ निकालते हैं, जो कि उनके बचाव का एक तरीका है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि जीन और प्रजातियों का अध्ययन न केवल हमें जानवरों के अद्भुत संसार के बारे में बताता है, बल्कि यह हमें यह भी दिखाता है कि प्राकृतिक चयन ने उन्हें कैसे विकसित किया है।