क्या आपको पता है कि एक आदमी ने कैंसर से लड़ने के लिए जानवरों का डाई-वार्मिंग दवा ली और उसकी जान चली गई?

क्या आपने कभी सोचा है कि एक सामान्य दवाई आपकी जान ले सकती है? ये दिल दहला देने वाली कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिसने एक जानवरों के लिए बनी दवाई को कैंसर के इलाज के रूप में मान लिया और इसके भयानक नतीजे भुगते।
45 वर्षीय ली रेडपाथ की कहानी सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। उन्होंने एक डाई-वार्मिंग दवा, जिसे फेनबेंडाज़ोल कहा जाता है, को इंटरनेट पर पढ़ी हुई गलत जानकारी के आधार पर लिया, जिसमें दावा किया गया था कि यह कैंसर को ठीक कर सकती है।
ली ने इस दवा को तीन हफ्तों तक लिया और इसके बाद उन्हें लिवर फेलियर के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया। दुख की बात है कि उन्होंने 29 अप्रैल को कैम्ब्रिज के ऐडेनब्रुक अस्पताल में दम तोड़ दिया।
ली ने इस दवा को यूक्रेन से मंगवाया था, यह सोचकर कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है, जबकि ये दवा मानव उपयोग के लिए प्रतिबंधित है। ये दवा मुख्यत: जानवरों में पाई जाने वाली आंतरिक परजीवियों के खिलाफ होती है।
इंटरनेट पर कुछ बॉलीवुड और हॉलीवुड सेलेब्स, जैसे कि मेल गिब्सन, ने इस दवा को कैंसर के लिए उपयोगी बताने वाले वीडियो शेयर किए हैं। यही कारण बना कि ली ने इसे अपनाया।
ली के लंबे समय के साथी, लॉरेन लाउल ने इनक्वेस्ट में कहा कि उन्होंने इस दवा को सुरक्षित समझा और अमेरिका में इसके उपयोग की बातें देखीं। उन्होंने यह भी बताया कि ली ने इसे बिना किसी चिकित्सा सहायता के लिया, जिससे यह एक बड़ा खतरा बन गया।
डॉ. ग्विलियम वेब, जो कि ऐडेनब्रुक में एक कंसल्टेंट हेपेटोलॉजिस्ट हैं, ने बताया कि फेनबेंडाज़ोल का मानव में कैंसर को रोकने या उपचार का कोई सिद्ध लाभ नहीं है।
इंक्वेस्ट में यह भी खुलासा हुआ कि ली को शराब के दुरुपयोग के कारण लिवर ट्रांसप्लांट के लिए अयोग्य माना गया था। अंततः, कैम्ब्रिजशायर और पीटरबरो की सहायक कोरोनर, कैरोलिन जोन्स ने कहा कि ली की मृत्यु का कारण फेनबेंडाज़ोल द्वारा लिवर में हुई चोट थी।
तो सोचिए, जब हम इंटरनेट पर कुछ भी पढ़ते हैं, तो हमें कितनी सावधानी बरतनी चाहिए। एक गलत जानकारी कैसे एक जीवन को खत्म कर सकती है।