क्या घोंघे की आंखें इंसानों की दृष्टि को ठीक कर सकती हैं? जानिए ये अद्भुत खोज!

क्या आप जानते हैं कि घोंघे की आंखें इंसानों के लिए एक नई उम्मीद बन सकती हैं? हाँ, आपने सही सुना! कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस की सहायक प्रोफेसर ऐलिस अकोर्सी ने एक अध्ययन में यह दिखाया है कि पानी के घोंघे, जिन्हें हम आमतौर पर नजरअंदाज करते हैं, अपनी आंखों को पूरी तरह से पुनर्जनित कर सकते हैं!
इस अध्ययन में प्रकाशित नई जानकारी ने यह साबित कर दिया है कि घोंघों और मानवों की आंखों में कई समानताएँ हैं। अकोर्सी के अनुसार, "घोंघे एक अद्भुत जीव हैं। वे जटिल संवेदी अंगों के पुनर्जनन का अध्ययन करने का अनूठा अवसर प्रदान करते हैं।" यह घोंघे की विशेषताएँ हैं जो उन्हें प्रयोगशाला में अध्ययन करने के लिए आसान बनाती हैं।
सोचिए, घोंघे की पीढ़ी का समय बेहद कम होता है और वे अधिक संतान पैदा करते हैं, यही कारण है कि वे अनुसंधान के लिए एक आदर्श विकल्प हैं। अकोर्सी की टीम ने घोंघे की जीनोम को संपादित करने के तरीकों का विकास किया है, जिससे वे आंखों के पुनर्जनन के पीछे के आनुवंशिक और आणविक तंत्रों का पता लगा सकें।
तथ्य यह है कि घोंघे की आंखें, जिन्हें "कैमरा-प्रकार" की आंखें कहा जाता है, इंसानों की आंखों के जैसे होती हैं। ये आंखें उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियाँ उत्पन्न करती हैं। अकोर्सी की टीम ने दिखाया है कि घोंघे की आंखें मानव आंखों के साथ न केवल संरचनात्मक बल्कि आनुवंशिक रूप से भी मिलती-जुलती हैं।
अकोर्सी कहती हैं, "जब मैंने इसे पढ़ना शुरू किया, तो मैं सोच रही थी कि लोग घोंघों का उपयोग पुनर्जनन के अध्ययन के लिए क्यों नहीं कर रहे?" उनके अध्ययन में यह भी दिखाया गया कि घोंघे की आंखें पुनर्जनन के बाद कितनी तेजी से विकास करती हैं।
इंसान की आंखें जटिल होती हैं और इन्हें सही करना संभव नहीं होता, लेकिन घोंघे की आंखें लगभग एक महीने में पुनः उत्पन्न हो जाती हैं। यह विज्ञान के लिए एक नया दृष्टिकोण हो सकता है। अकोर्सी और उनकी टीम अब यह अध्ययन करने का इरादा रखती हैं कि क्या घोंघे अपनी नई आंखों के साथ भी वस्तुओं को देख सकते हैं।
इस अद्भुत खोज के पीछे अकोर्सी और उनकी टीम ने कई जीनों का अध्ययन किया है जो आंखों के पुनर्जनन में सक्रिय होते हैं। यदि वे किसी जीन सेट का पता लगा लेते हैं जो आंखों के पुनर्जनन के लिए महत्वपूर्ण होता है, तो संभवतः इसे मानवों में भी सक्रिय किया जा सकता है।