क्या हमें ब्रह्मांड के सबसे बड़े काले छिद्र का पता चल गया? जानिए Cosmic Horseshoe के रहस्य!

क्या आप जानते हैं कि 5 अरब प्रकाश वर्ष दूर एक ऐसा काला छिद्र है, जो लगभग 36 अरब सूर्यों के समान द्रव्यमान रखता है? यह अद्भुत खोज हमें दिखाती है कि ब्रह्मांड में क्या-क्या छिपा हुआ है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस काले छिद्र को देखा, जो Cosmic Horseshoe प्रणाली का हिस्सा है, जहाँ एक विशाल ल्यूमिनस रेड गैलेक्सी ने इसे अपने ग्रेविटेशनल पुल से विकृत कर दिया है।
इस काले छिद्र की माप करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक अनोखी तकनीक का उपयोग किया। यह काला छिद्र एक "निष्क्रिय" अवस्था में है, जिसका अर्थ है कि यह अपने चारों ओर के पदार्थ को खा नहीं रहा है। इसके विपरीत, हमारा सूर्यमंडल जिसमें सैगिटेरियस ए* नाम का एक सक्रिय काला छिद्र है, केवल 4.15 मिलियन सूर्यों का द्रव्यमान रखता है।
इस शोध के लेखक, थॉमस कोलेट, ने कहा, "यह काला छिद्र सबसे बड़े काले छिद्रों में से एक है, और संभवतः सबसे बड़ा।" वे यह भी मानते हैं कि सुपरमासिव काले छिद्र और उनके माता-पिता गैलेक्सियों के आकार के बीच गहरा संबंध है। जब गैलेक्सी का आकार बढ़ता है, तो यह अपने केंद्र में काले छिद्र की ओर पदार्थ को संकेंद्रित कर सकता है।
ब्रहमांड के इस आश्चर्यजनक हिस्से की खोज में, वैज्ञानिकों ने गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग का उपयोग किया, जिसमें एक गैलेक्सी के पीछे की रोशनी को एक अन्य गैलेक्सी के प्रभाव से मोड़ दिया जाता है। इस प्रक्रिया में, एक "आइंस्टीन रिंग" का निर्माण होता है, जो Cosmic Horseshoe प्रणाली में देखा गया।
इस नए अध्ययन से हमें यह भी पता चलता है कि गैलेक्सियों के बीच संबंध के बारे में और जानकारी मिल सकती है। वैज्ञानिक इस संबंध को समझने के लिए और भी अध्ययन करेंगे, ताकि वे जान सकें कि यह विशाल काला छिद्र इतना विशाल कैसे हो गया।
यह जानकर हैरानी होती है कि हमारी मिल्की वे और एंड्रोमेडा गैलेक्सियाँ भी एक दिन एक फॉसिल ग्रुप बन सकती हैं। यह अध्ययन न केवल ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करता है, बल्कि हमें हमारे भविष्य के बारे में भी सोचने पर मजबूर करता है।