क्या आपकी उंगली बता सकती है आपके दिमाग की सेहत? जानें अनोखे 'पिंकी टेस्ट' के बारे में!

क्या आपकी उंगली आपके मस्तिष्क की सेहत की कहानी सुनाती है?
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी छोटी उंगली किसी बड़े स्वास्थ्य खतरे की ओर इशारा कर सकती है? ये सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन एक हालिया अध्ययन ने ऐसा ही सुझाव दिया है।
इस ‘पिंकी फिंगर टेस्ट’ का उद्देश्य आपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य की जाँच करना है। केवल पांच सेकंड का एक साधारण काम और आप जान सकते हैं कि क्या आप स्ट्रोक, डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बीमारियों के खतरे में हैं। यह टेस्ट सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन इसमें छिपा विज्ञान आपको सोचने पर मजबूर कर देगा।
तो यह 'पिंकी टेस्ट' असल में क्या है? यह एक साधारण परीक्षण है, जिसमें आपको अपनी छोटी उंगली को एक निश्चित तरीके से हिलाना होता है। अगर आपकी उंगली आसानी से चलती है, तो आप ठीक हैं। लेकिन अगर यह हिचकिचाती है या रुकती है, तो यह संकेत हो सकता है कि आप संभवतः स्ट्रोक या डिमेंशिया के खतरे में हैं।
शोधों से पता चलता है कि हाथ और उंगली की कार्यक्षमता, विशेषकर मोटर स्किल्स, संज्ञानात्मक प्रदर्शन के साथ गहरे जुड़े हैं। कई अध्ययन दर्शाते हैं कि हाथ की शक्ति और नाड़ी का कम होना अल्जाइमर जैसे मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हो सकता है।
उदाहरण के लिए, हल्स्टेड फिंगर टैपिंग टेस्ट ने यह संकेत दिया है कि धीमी या अनियमित टैपिंग मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। इसी तरह, एक और अध्ययन में पता चला कि हल्का मस्तिष्क क्षय होने के संकेत भी उंगली की गतियों में दिख सकते हैं।
हालांकि, क्या यह टेस्ट एक चिकित्सा स्क्रीनिंग का विकल्प हो सकता है? जवाब है नहीं। ये केवल एक प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं, लेकिन इसके बजाय आपको पेशेवर मदद की आवश्यकता हो सकती है। यदि आपको कोई अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे याददाश्त में कमी या संतुलन में परेशानियाँ, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
अंत में, 'पिंकी टेस्ट' एक मजेदार और सरल तरीका है, लेकिन यह चिकित्सा में स्थापित नहीं है। यदि आप अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, तो हमेशा किसी योग्य स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लें। यह टेस्ट सिर्फ एक शुरुआती संकेत है, न कि चिकित्सा निदान।